लॉकडाउन के बाद देश के दूसरे राज्यों से बिहार आ रहे प्रवासी श्रमिकों को मिलने वाले कम से कम एक हजार रुपए बैंक खाता में ही मिलेगा। आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलाधिकारियों को कहा है कि वे अपने यहां प्रखंड से लेकर पंचायत व ग्राम स्तर पर बने क्वारंटाइन कैम्पों में रह रहे श्रमिकों का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड करें। साथ ही बैंक खातों का भी ब्योरा दें ताकि प्रवासी श्रमिकों को पैसा भेजा जा सके। आपदा के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत की ओर से इस बाबत आदेश जारी किया गया है।
जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि कोरोना के कारण जारी लॉकडाउन के बीच गृह मंत्रालय से मिली छूट के बाद विभिन्न राज्यों से प्रवासी श्रमिकों को ट्रेन से बिहार लाया जा रहा है। इन श्रमिकों को जिलों के प्रखंड कार्यालयों में बने क्वारंटाइन कैम्पों में 21 दिनों तक रखा जा रहा है। प्रवासी श्रमिकों की संख्या के अनुसार प्रखंडों के अलावा पंचायत व गांव स्तर पर भी क्वारंटाइन कैम्प बनाए गए हैं। चूंकि सरकार ने इन प्रवासी श्रमिकों को ट्रेन किराया के रूप में दी गई राशि के अलावा 500 रुपए या कम से कम 1000 रुपए देने का निर्णय लिया है, इसलिए इनका पूरा ब्योरा लिया जाए।
पत्र के अनुसार ट्रेन का किराया टिकट पर दर्ज मूल्य के आधार पर ही होगा। श्रमिकों से रेल टिकट ले लिया जाएगा और उसे प्रखंड कार्यालय के रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। रेल किराया के अलावा 500 रुपए अतिरिक्त श्रमिकों को दिया जाएगा। अगर यह राशि 1000 से कम होगी तो श्रमिकों को कम से कम 1000 का भुगतान किया जाएगा। प्रवासी श्रमिकों का बैंक खातों के साथ ब्योरा आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। एनआईसी के इस पोर्टल पर श्रमिकों का ब्योरा आने पर सीधे बैंक खाते में पैसा भेज दिया जाएगा।