गाजीपुर: गैर प्रांतों से आकर बहुत से लोग इधर-उधर घूमकर जिला प्रशासन सहित ग्रामवासियों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं, वहीं रेवतीपुर ब्लाक के कालूपुर निवासी संतोष यादव एक नजीर पेश कर रहे हैं। बीते छह दिनों पूर्व संतोष अपनी पत्नी व दो बच्चों संग घर लौटे तो परिवार के लोग उनसे मिलना चाहे, लेकिन संतोष ने स्वयं ही मिलने से इन्कार कर दिया। अपने मकान कुछ दूर स्थित स्थित डेरा को ही अपना आशियाना बना लिया।
संतोष यादव अपने बच्चों को भी सख्त हिदायत दे चुके हैं कि इस चहारदीवारी से कोई बाहर नहीं जाएगा। उनकी मां शनिचरी देवी सुबह-शाम अपने बेटे को खाना देने स्वयं जाती हैं। इन्हें देखकर बच्चे अपनी दादी से मिलने को बेचैन हो जाते हैं, लेकिन संतोष रोक देते हैं। ऐसा प्रतिदिन सुबह-शाम होता है। संतोष यादव का कहना है कि पूरे परिवार की मुंबई और गाजीपुर दोनों जगह जांच कराई। मेरे व मेरे परिवार के अंदर कोरोना के कोई लक्षण नहीं है, फिर भी शासन व चिकित्सकों के गाइडलाइन के अनुसार 21 दिनों तक इस कमरे में अपने परिवार के साथ रहूंगा। मैं अपने परिवार, गांव व जनपदवासियों के लिए परेशानी का सबब नहीं बनना चाहता। इनके दोनों छोटे-छोटे बच्चे भी पूरे दिन इसी डेरे पर खेलते हैं। संतोष व उनके बच्चों को खाने व नहाने के लिए अलग से बर्तन दिया गया है। संतोष की मां शनिचरी ने कहा कि बस 21 दिन की तो बात है। इसके बाद ही हमें साथ ही रहना है।