जमानियां: कोतवाली क्षेत्र के जोगियामार गांव के बाहर बुधवार की देर रात बगीचे में चारपाई पर सो रहे दिनेश पांडेय (56) के सीने में भाले से वारकर हत्या कर दी गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मां सुशीला देवी की तहरीर पर दिनेश की पत्नी व पुत्र समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्जकर छानबीन शुरू कर दी गई। आरोपित पुत्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर घर से भाला भी बरामद कर लिया। एसपी डा. ओमप्रकाश सिंह ने मौके पर पहुंचकर वारदात की जानकारी लेने के साथ अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए।
पुलिस के मुताबिक दिनेश पर उनकी पत्नी और बेटे लगातार खेत अपने नाम कराने का दबाव बना रहे थे। उन्हें आशंका थी कि दिनेश का संबंध एक महिला से है और वह अपने हिस्से का खेत कहीं उसे ही न दे दें। दिनेश का कहना था कि वह जब तक जिदा है तब तक खेत किसी को नहीं देगा। काफी दिनों से इसे लेकर विवाद चला आ रहा था। बहरहाल, हमेशा की तरह दिनेश खाना खाने के बाद रात करीब आठ बजे अपने आम के बगीचे में सोने चले गए। सुबह जब गांव के कुछ लोग उस तरफ गए तो चारपाई पर खून से लथपथ उनके शव को देख चीखने लगे। जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में गांव के लोगों के अलावा परिवार के सदस्य भी मौके पर पहुंच गए। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मृतक की मां के तहरीर पर पत्नी उषा व पुत्र मनीष पांडेय, बहू मधुबाला समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्जकर छानबीन शुरू कर दी।
फोरेंसिक टीम ने लिए नमूने
जिस भाले से सीने में दो बार वारकर मौत के घाट उतारा गया था, वह पुलिस टीम ने जहां पुत्र से पूछताछ के बाद मृतक के घर से ही बरामद कर लिया, वहीं फारेंसिक टीम ने घटना स्थल पर बिखरे खून के निशान व आरोपित के चप्पल और भाले पर लगे खून का मिलान किया तो पुलिस को अपने शक की सुई और पुष्ट हुई। लोगों की मानें तो अक्सर पत्नी उषा अपने पति को धमकी देती थी कि अगर संपति हम लोगों के नाम नहीं किया गया तो जान से हाथ धोना पड़ेगा।