कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाने के साथ ही शासन तमाम जतन कर रहा है, लेकिन बालू माफियाओं में इसका तनिक भी भय नहीं है। होगा भी कैसे? जब खाकी ही उनके साथ है। लॉकडाउन की रात में भी लाल बालू का काला खेल धड़ल्ले से खेला जा रहा है। यह नजारा तब देखने को मिला जब 'जागरण' टीम आधी रात 12 बजे सुहवल थाना क्षेत्र के मेदनीपुर और नगर कोतवाली के रजागंज चौकी क्षेत्र में पहुंची। दलाल व स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से एक रात में लाखों का वारा-न्यारा कर दिया जा रहा है। लॉकडाउन के कारण पूरे दिन जहां सड़कें सुनसान रहती हैं वहीं रात होते ही गुलजार हो जा रही हैं। नगर व गंगापार की पुलिस की मदद से यह सब चल रहा है और प्रशासन पूरी तरह से इससे अनजान बना हुआ है।
बिहार की सीमा से जिले में प्रवेश करने के बाद ओवरलोड बालू लदे ट्रक दिन में ही सुहवल व रेवतीपुर थाना क्षेत्र के चिह्नित स्थानों पर पहुंच जा रहे हैं। सभी दलाल अपने स्थान पर बालू की पलटी कर लेते हैं और देर रात होते ही एक लाइन से सैकड़ों बालू लदे ट्रैक्टर-ट्राली काफी तेज रफ्तार में सुहवल के मेदनीपुर, हमीद सेतु व रजागंज चौकी होते हुए अपने-अपने चिह्नित स्थान पर पहुंच जा रहे हैं। इसमें एक-दो नहीं बल्कि आधा दर्जन हैं, जिनका बालू पलटी हो रहा है। खाकी भी पूरी रात खड़ी रहती है और उनके साथ संबंधित दलाल भी। जिसकी गाड़ी आती है, इशारा मिलते ही बालू पास हो जाता है। सभी संबंधित पुलिस का प्रति ट्रक एक रकम निश्चित है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और जीपीटी की आड़ में चल रहा खेल
लॉकडाउन में जिला प्रशासन ने चार कार्यदायी संस्था को कार्य करने की अनुमति दी। इसके बाद जीपीटी और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के कार्य के लिए लाल बालू सुहवल क्षेत्र में आना शुरू हो गया। इसके बाद तो दलाल बेचैन हो गए। सभी अपनी-अपनी गोटी सेट करने की जुगत में लग गए और अब धड़ल्ले से उनका कार्य चल रहा है। प्रशासन का कहना है कि पूर्वांचल और एक्सप्रेस-वे के लिए बालू जा रहा है। तो ऐसे में सवाल यह है कि यह तो कभी भी जा सकता है सिर्फ रात में ही क्यों..?