चकिया: मनरेगा कार्य को लेकर मुजफ्फरपुर गांव में गुरुवार को जॉबकार्ड धारक श्रमिक, रोजगार सेवक व मेठ के बीच तू-तू, मैं-मैं होने के बाद मामला तूल पकड़ लिया। आक्रोशित मजदूर फावड़ा, खांची लेकर गांव के सामने हनुमान मंदिर के समीप चक्का जामकर नारेबाजी करने लगे। कोतवाली पुलिस, खंड विकास अधिकारी ने मजदूरों को समझाकर शांत कराया।
दरअसल मुजफ्फरपुर ग्राम पंचायत के लाठे पर स्थित बस्ती में तालाब का निर्माण हो रहा था। मस्टररोल के तहत तालाब में 40 मजदूरों को काम करना था लेकिन 105 मजदूर पहुंच गए। इसको लेकर मजदूर कन्हैया, टुल्लू व रोजगार सेवक हीरा साहनी, मेठ हौसिला, रजिंदर के बीच कहासुनी होने लगी। विवाद सुलझने के बजाय इस कदर उलझ गया कि मजदूर लामबंद हो गए। आक्रोशित जॉब कार्ड धारक मजदूर रोजगार सेवक व मेठ से गाली गलौज करने लगे, जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने के साथ ही मारपीट करने का आरोप लगाते हुए चक्का जाम कर दिए।
चकिया-अहरौरा मार्ग पर मजदूर फावड़ा, खांची लेकर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। तकरीबन दो घंटे तक चले चक्का जाम से आवागमन बाधित हो गया। बीडीओ सरिता सिंह, सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) अशोक कुमार, वरिष्ठ उपनिरीक्षक राणा सिंह यादव, रामपुर पुलिस चौकी प्रभारी भूपेश कुशवाहा, शिकारगंज चौकी प्रभारी दीपक कुमार मयफोर्स पहुंच गए। आक्रोशित मजदूरों को समझाकर चक्का जाम समाप्त कराया। आश्वासन दिया कि जॉबकार्ड धारक मजदूरों को गांव में ही अन्य स्थान पर हर हाल में कार्य दिया जाएगा।