आजमगढ़ : चेहरे पर थकान झलक रही थी लेकिन जैसे ही स्टेशन के बाहर निकले तो लगा कि अपनी माटी पर कदम पड़ते ही सारी थकान दूर हो गई हो। स्टेशन परिसर में तो नियमों के घेरे से गुजरना पड़ा लेकिन बाहर निकलते ही किसी ने लाई-चना का पैकेट तो किसी ने बुलाकर पानी दिया। सेवा के इस भाव ने लॉकडाउन के बीच तमाम संकटों से जूझ रहे प्रवासियों के चेहरे का भाव बदल दिया।
गैर प्रांतों में रहने वालों के गृह जनपद पहुंचने का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। पंजाब के जालंधर से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन से मंगलवार को सुबह पांच बजे 1334 लोग आजमगढ़ पहुंचे। सभी बोगियों को बारी-बारी से खोलकर यात्रियों को उतारा गया और कतारबद्ध करके थर्मल स्क्रीनिग और काउंसिलिग के बाद लाई-चना का पैकेट व पानी देकर बसों से तहसीलों में बने क्वारंटाइन सेंटरों पर भेजा गया। उधर प्रशासनिक अमला भोर में ही व्यवस्था बनाने में लगा रहा। बाहर निकलने वालों को प्रशासन की ओर से तैनात लोग तहसील क्षेत्र पूछकर बसों के बारे में जानकारी दे रहे थे। उधर गुजरात के सूरत शहर से भी रात में लगभग 1200 लोगों को लेकर एक ट्रेन पहुंचने वाली थी।