श्रमिक को लेकर चल रही ट्रेनें जहां पटरियां भटक जा रही है। ट्रेनों में सवार श्रमिकों के खाना-पानी समेत अन्य मुश्किलों की खबरें आ रही हैं। उस बीच एक ऐसा मामला भी सामने आया है, जब श्रमिक ट्रेन के सभी यात्रियों के खाने-पीने और जरूरतों का इंतजाम सेवा भारती ने अपने जिम्मे ले लिया। सफर में स्वयंसेवकों द्वारा न सिर्फ यात्रियों को खाना-पानी उपलब्ध कराया गया, बल्कि ट्रेन में सफर क रहे बच्चों के लिए दूध और डाइपर तक का इंतजाम किया गया। बीमार लोगों को दवाएं भी दी गई। यहां तक कि ट्रेन के देरी से चलने पर रेलवे मंत्रालय से आग्रह कर ट्रेन के लिए रास्ता भी आसान किया।
22 मई से गुरुग्राम से शुरू था सफर
इस ट्रेन का सफर गुरुग्राम से 22 मई को शुरू हुआ था। 1435 यात्रियों को लेकर इसे नागालैंड के दीमापुर तक जाना था। 23 मई को रात में नागालैंड के सेवा भारती के स्वयंसेवकों को संदेश मिला कि गुरुग्राम से निकली इस ट्रेन में खाने-पानी की दिक्कत है। नागालैंड के सेवा भारती के प्रमुख डा. शंकर देव राय ने राष्ट्रीय सेवा भारती टीम से ट्रेन में तकरीबन 40 लोगों और उनके बच्चों के लिए रास्ते में खाना, पानी, दूध, दवा और डाइपर की उपलब्धता का आग्रह किया। समन्वय के लिए कुछ युवाओं के नंबर भी दिए।