कोविड-19 का अस्पताली कचरा भी संक्रमण के लिहाज से बेहद खतरनाक साबित हो सकता है ।यही वजह है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जहां इसकी सख्त निगरानी की जा रही है । वहीं दूसरी ओर अस्पताली कचरे का निस्तारण करने वाली कंपनियां भी अपनी ओर से काफी एहतियात बरत रही हैं । लेकिन बीते दिनों जिस तरह राजधानी में अलग-अलग अस्पतालों में अचानक कोविड-19 पॉजिटिव मरीज होने का खुलासा हुआ खतरा और बढ़ गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा कोविड-19 बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए गाइडलाइन जारी की गई है । आशय यह है कि कोविड-19 से संक्रमित कचरा भी बहुत खतरनाक साबित हो सकता है । राजस्थानी में हर रोज 82 सरकारी व लगभग 1100 निजी अस्पताल, ब्लड बैंक, पैथोलॉजी, डेंटल क्लीनिक आदि से अस्पताली कचरा उठाया जाता है। इसके अलावा जिन अस्पतालों में कोविड-19 के मरीज भर्ती है अथवा संदिग्ध मरीजों को क्वॉरेंटाइन व आइसोलेशन में रखा गया है वहां से कोविड-19 संक्रमित कचरे को अलग से उठाया जा रहा है ।