लॉकडाउन में मजदूर तो मजबूर हैं ही, पशु-पक्षी भी बेहाल हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रभावित होकर सिद्धार्थनगर के पशु धन प्रसार अधिकारी अरुण प्रजापति को अपनी ड्यूटी के साथ पशुओं के सेहत की ¨चता भी रहती है। दो घंटे सुबह तो दो घंटे शाम, पशुओं के लिए निकाल ही लेते हैं। पशु सेवा और उन्हें कुछ खिलाने के बाद ही अपने लिए भोजन ग्रहण करना अरुण की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है।
ऐसे कोरोना योद्धा की चर्चा सबके जुबां पर है। बेजुबानों की देखभाल के लिए समर्पित अरुण नगर की सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा पशुओं लिए चारा -पानी की व्यवस्था कराते हैं। जरूरत पर इलाज करते हैं। इसके लिए अलग-अलग दिन अलग-अलग क्षेत्रों का चयन किया है। कभी सिद्धार्थ तिराहा, हाइडिल तिराहा, सनई चौराहा तो कभी बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन की तरफ निकल जाते हैं। जहां भी पशु मिल जाते हैं, उन्हें कुछ न कुछ जरूर खिलाते।
बेसहारा पशुओं को खिलाने के लिए वह सब्जी मंडी और खेतों में खराब हो चुकी सब्जियां, फलों को एकत्र करते हैं। सुबह सब्जी मंडी में निकल जाते हैं झोला और बोरा लेकर। वहां से जो कुछ मिलता है, उठा लाते हैं। कभी-कभी औने-पौने दाम पर उन्हें पशुओं के लिए हरी सब्जियां भी मिल जाती है। खीरा, लौकी, नेनुआ, केला, संतरा जहां जो भी दिखा, जरूर ले लेते। अपने घर के लिए जब भी सब्जी या फल लेने जाते हैं तो पशुओं का भी ख्याल आ जाता है। आस-पास खुले में घूमने वाले बंदर, कुत्ता, गाय, सांड़ सभी इन्हें पहचाने हैं।