कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर लगाए गए 55 दिन के लॉकडाउन में सबका साथी इंटरनेट ही है। सतर्कता बनाए रखते हुए लोग अपने घर में कैद हैं। ऐसे में इंटरनेट से ही देश-दुनिया की खबरें मिलने के साथ चिरपरिचितों को संदेश से भेजे जा रहे हैं। नतीजतन बिहार में इंटरनेट की खपत 20 फीसद तक बढ़ गई है। लोग फेसबुक व यू-ट्यूब पर खूब समय बिता रहे हैं। गुगल सर्च इंजन पर भी काफी समय दिया जा रहा है। अॉनलाइन न्यूज देखने के साथ ही अखबार पढऩे से लेकर तमाम पुस्तकें, स्टडी मैटेरियल डाउनलोड कर रहे हैं। इस बीच वर्क फ्रॉम होम के कॉन्सेप्ट से भी इंटरनेट की खपत बढ़ी है।
बीएसएनएल की वायरलाइन से इंटरनेट की खपत कम
22 मार्च से पहले बिहार में इंटरनेट की खपत 15000 टेराबाइट थी। वर्तमान खपत 18000 टेराबाइट है। राजधानी पटना की बात करें तो 21 मार्च के पहले प्रतिदिन 9000 टीबी खपत थी। अब आंकड़ा 12 हजार टीबी तक पहुंच गया है। वायरलाइन अर्थात केबल से इंटरनेट की खपत में कमी आई है। बीएसएनएल की वायरलाइन पर 20 से 25 फीसद लोड कम हुआ है।
बीएसएनएल से जियो भी नहीं है पीछे
सरकारी दफ्तरों के डिजिटाइजेशन के बाद लॉकडाउन में वहां काफी कम काम हो रहा है। बीएसएनएल के वायरलेस लाइन अर्थात मोबाइल इंटरनेट में 22 मार्च के बाद से 25 से 30 फीसद तक बढ़ोत्तरी हुई है। अकेले बीएसएनएल की पटना सर्किल में 100 टीबी से अधिक इंटरनेट की खपत हो रही है। जबकि पूरे बिहार में जियो का 10000 टीबी डाटा प्रतिदिन खर्च हो रहा है।