गोरखपुर: लॉकडाउन में रेलवे और रोडवेज कर्मियों ने अपने अदम्य साहस का परिचय दिया है। खौफ के साए में जोखिम के बीच वे पिछले आठ दिनों से दिन-रात लगातार मोर्चा संभाले हुए हैं। राज्य सरकार की मांग पर 27 ट्रेनों से 32836 प्रवासी गोरखपुर पहुंचे हैं। जिन्हें रोडवेज की लगभग 1350 बसों ने सुरक्षित घर पहुंचा दिया है।
बन गया रिकार्ड
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर ने तो सर्वाधिक ट्रेनें मंगाने और प्रवासियों को सुरक्षित उतारने का रिकार्ड बना दिया है। सोमवार को छह ट्रेनें आई तो मंगलवार को आठ ट्रेनें गोरखपुर पहुंचेंगी। इसको लेकर स्टेशन प्रबंधन, जीआरपी और आरपीएफ पहले से ही कमर कसकर तैयार है। इस कार्य में रेलवे के 150 कर्मी नियमित ड्यूटी पर रहते हैं। रोडवेज के भी औसत 500 कर्मी तैनात रहते हैं।
दिन हो या रात चल ही हैं बसें
दिन हो या रात, परिवहन निगम की बसें तो लगातार प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचा रही हैं। एक ट्रेन के प्रवासियों को औसत पचास बसें लेकर रवाना हो रही हैं। एक बस में औसत 25 प्रवासी बैठाए जा रहे हैं। प्रवासियों से कोई किराया भी नहीं लिया जाता है। चालक और परिचालक भी मोर्चा संभाले हुए हैं। बिना थके, गोरखपुर और बस्ती मंडल ही नहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में भी प्रवासियों को लेकर पहुंच रहे हैं। राप्तीनगर डिपो के परिचालक पवन कुमार और जितेंद्र कुमार तथा चालक रमाकांत और जय कुमार पांडेय का कहना है कि सामान्य दिनों में तो हम ड्यूटी कर रहे थे।