सामान्यजन की अपेक्षा 10 साल से कम उम्र के बच्चे इम्यूनिटी कम होने के कम होने से करो ना के रेडार पर हैं। मगर मां के दूध के अलावा ड्राई फ्रूट प्रोटीन युक्त भोजन संतरा और अंगूर कोरोनावायरस बच्चों के लिए सुरक्षा कवच बन रहे हैं। बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञों का दावा है कि बच्चों को बादाम अखरोट मुनक्का खजूर इत्यादि देने से उनकी रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। दूध और दालों से प्रोटीन उनकी हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करता है। वहीं, विटामिन सी से भरपूर फल उन्हें कोरोना के साथ ही अन्य सभी बीमारियों से लड़ने की ताकत देते हैं।
जल्दी संक्रमित हो जाते हैं
राजधानी के आरएसएम अस्पताल में 59 करोना मरीजों को संक्रमण से मुक्त कराकर होटल में को क्वॉरेंटाइन पूरा करा रहे डॉ रोहित सिंह कहते हैं कि बच्चों की इम्युनिटी कम होने की वजह से वह जल्द संक्रमित हो जाते हैं। मगर संक्रमण के बाद ऐसा देखा गया है कि डाई फ्रूट, प्रोटीन व विटामिन सी युक्त भोजन से बच्चे बीमारी को जल्द मात देकर उबर सके हैं। इसीलिए बच्चों के खान-पान का ध्यान रखना जरूरी है। बलरामपुर अस्पताल के बाल रोग बृजेश तिवारी कहते हैं कि आजकल बच्चों की छुट्टियां चल रही हैं। उन्हें इंडोर फिजिकल गेम खेलने में इनवाल्व करें। पांच से 10 साल के उम्र वाले बच्चों को मेडिटेशन भी करा सकते हैं। छोटे बच्चों को हो सके तो मां का ही दूध दे। बड़े बच्चों को दूध में हल्दी मिलाकर पिलाएं। इससे वह किसी भी रोग से लड़ सकते हैं।