बिहार मधुबनी के रहने वाले लालू, विजय, पंकज, राजा राम अपने 23 साथियों के साथ छह महीने पहले यूपी के हरदोई आए थे। बड़ी उम्मीद के साथ यहां एक फैक्ट्री में काम शुरू किया। जिंदगी हंसी खुशी कट रही थी। लेकिन अब स्थिति बिल्कुल पलट गई। मालिक ने फैक्ट्री से निकाल दिया, खाने को पैसे नहीं। घर वापस जाए तो जाएं कैसे। कोई मदद करने वाला नहीं।
थक हार कर सबने निर्णय लिया यहां से अच्छा है अपनी मिट्टी पर वापस चला जाए। बस और ट्रेन चल नहीं रही। तो साइकिल उठाया और शुरू हो गए 700 लंबे सफर पर। शनिवार दोपहर तक लगातार 11 घंटे चले तो 100 किलोमीटर तक का सफर तय कर चुके थे। तभी 600 किलोमीटर का सफर इन साथियाें का करना है।
लालू राम बताते हैं गुरुवार शाम फैक्ट्री मालिक ने कह दिया घर चले जाओ। मेरे पास तुम लोगों को देने के लिए पैसे नहीं है। ऐसे में हम लोग क्या करते। कहां जाते। सबने आपस में तय किया कि साइकिल से ही घर वापसी करते हैं। लालू बताते हैं रात में कुछ खाना भी नहीं मिला, बस भूखे प्यासे चले जा रहे हैं। शनिवार दिन में लखनऊ पहुंचे तो यहां खाने को मिला।