उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के शाहगंज की आदर्श नगर कॉलोनी में 24 घंटे में दो बहनों की मौत से दहशत है। परिवार के तीन सदस्यों की तबियत खराब की सूचना पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को दी गई थी। जिलाधिकारी तक से संपर्क किया गया। इसके बावजूद समय रहते किसी को इलाज नहीं मिला। देखते ही देखते चंद घंटों के अंतराल में एक के बाद एक दो बहनों ने दम तोड़ दिया। कॉलोनी के लोग सहमे हुए हैं। वे चाहते हैं कि अस्पताल में भर्ती भाई का कोरोना टेस्ट कराया जाए। यदि वह पॉजिटिव है तो इलाके को सेनेटाइज कराया जाए।
वरिष्ठ अधिवक्ता हेमेंद्र शर्मा ने बताया कि आदर्श नगर कॉलोनी में विंदेश्वरी उनकी बहन कोमल अपने भाई के साथ एक मकान में किराए पर रहती थीं। पिछले तीन-चार दिनों से तीनों की तबियत खराब थी। 24 मई को उन्होंने इस संबंध में पुलिस, स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी। ताकि तीनों की जांच हो सके। उपचार शुरू हो सके। सूचना के बावजूद कोई नहीं आया। 24 मई की रात तीन बजे विंदेश्वरी की मौत हो गई। कई घंटे तक उनका शव घर की देहरी पर रखा रहा। सूचना के बाद एक एंबुलेंस आई। एंबुलेंस वाले यह बोलकर लौट गए कि वे तो मरीज को लेने आए थे। यह देख उन्होंने जिलाधिकारी से शिकायत की। स्वास्थ्य विभाग की टीम आई। शव को लेकर चली गई। बीमार भाई-बहन की जांच कराना तक उचित नहीं समझा। 25 मई की दोपहर दूसरी बहन कोमल ने भी दम तोड़ दिया। उसे तेज बुखार था। दो मौतों से कॉलोनी में दहशत फैल गई।
कॉलोनी वासियों ने इनके दूसरे रिश्तेदारों को सूचना दी। दूसरा शव भी स्वास्थ्य विभाग की टीम साथ ले गई। भाई को इलाज के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज भेजा। उसकी तबियत खराब है। दोनों शवों का बिना कोरोना जांच के अंतिम संस्कार करा दिया गया। अधिवक्ता हेमेंद्र शर्मा का कहना है कि सूचना के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने लेटलतीफी की। इससे जनता का भरोसा टूटता है। कॉलोनी में लोग डरे हुए हैं। मरने वाले कोरोनो पॉजिटिव थे या नहीं यह पता लगना जरूरी था। कई लोग उस परिवार के संपर्क में थे। अस्पताल में भर्ती युवक की जांच होनी चाहिए। वह पॉजिटिव आए तो कॉलोनी को सेनेटाइज कराया जाना चाहिए। पड़ोसियों को अलर्ट करना चाहिए।