कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट तैयार करने को लेकर बीएचयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की लापरवाही भारी पड़ रही है। कोरोना जांच से संबंधित नमूने लेने के 10-12 दिन बाद कई रिपोर्ट जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को रिजल्ट सौंपा। जिलाधिकारी ने इस मामले में नाराजगी जताते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को बीएचयू के चिकित्सकों के साथ वार्ता कर दो शिफ्ट में काम कराने के साथ अन्य पहलुओं पर विचार करने को कहा है ताकि रिपोर्ट अतिशीघ्र प्राप्त हो।
दरअसल, गुरुवार को सारनाथ थाना क्षेत्र के दनियालपुर निवासी मुंबई से लौटे प्रवासी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। युवक ट्रेन और बस के जरिए 17 मई को वाराणसी पहुंचा था। घर पहुंचने से पहले उसने अपनी जांच कराई थी। 18 मई को उसका नमूना लेकर बीएचयू जांच के लिए भेज दिया गया था। रिपोर्ट आने से पहले युवक को होम क्वारंटाइन के निर्देश दिए गए थे। युवक की रिपोर्ट आने में 10 दिन लग गए। इस बीच युवक घर से बाहर भी निकला और आसपास के लोगों से मुलाकात भी की थी। ऐसा ही कुछ हाल चौबेपुर में बीते दिनों मिले संक्रमित तीन प्रवासियों के साथ हुआ था। वे 11 मई को ही वाराणसी आ गए थे और उन्होंने उसी दिन अपना नमूना जांच के लिए दिया था लेकिन उनकी रिपोर्ट भी 10 दिन बाद मिली थी। रिपोर्ट आने से पहले वे भी आराम से गांवों में घूम रहे थे।