विभिन्न राज्यों से 60 हजार प्रवासी मजदूर शनिवार (16 मई) को 60 ट्रेनों से बिहार पहुंचेंगे। शुक्रवार (15 मई) को भी 36 ट्रेनें बिहार पहुंची। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बाद दूसरे राज्यों से आने वाली ट्रेनों की संख्या बढ़ाने का प्रयास तेज हुआ, जिस कारण इतनी अधिक संख्या में आगमन शुरू हुआ। मकसद है कि जो भी बिहार आना चाहते हैं, उन्हें जल्द बुलाया जा सके। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जितनी देर तक लोग आते रहेंगे, कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका और बढ़ेगी।
सीनियर ऑफिसर हुए पॉजिटिव
सचिव ने कहा कि संक्रमण की स्थिति बढ़ रही है। सरकार द्वारा जारी सलाह का पालन सभी करेंगे, तभी कोरोना संक्रमण की रोकथाम में सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि दो दिनों पहले एक सीनियर ऑफिसर एक क्वारंटाइन सेंटर पर लोगों से बातचीत की और वो भी पॉजिटिव हो गए। अगर बाहर से आने वाले लोग सीधे अपने गांव चले गए होते, तो वे अपने परिवार को अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकते थे।
औरंगाबाद व राजकोट से बलिया पहुंचे 29 सौ प्रवासी
बलिया। दो महानगरों से करीब 29 सौ यात्रियों को लेकर दो ट्रेनें बलिया पहुंची। यात्रियों को ट्रेन से उतारने के बाद मेडिकल चेकअप किया गया। इसके बाद उन्हें रोडवेज की बसों में बैठाकर घर भेजा गया। महाराष्ट्र के औरंगाबाद से चली ट्रेन लगभग 17 सौ यात्रियों को लेकर गुरुवार (14 मई) की रात करीब डेढ़ बजे स्थानीय रेलवे स्टेशन पर पहुंची। गाड़ी के आने से पहले ही पुलिस व प्रशासनिक स्टेशन पर मुस्तैद हो गए थे। ट्रेन में सवार यात्रियों को एक-एक कर प्लेटफॉर्म संख्या एक पर उतारा गया। इसके बाद सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कर बसों में बैठाकर भेजा गया। इसी प्रकार शुक्रवार (15 मई) की दोपहर करीब 12 बजे गुजरात के राजकोट से तकरीबन 12 सौ यात्रियों को लेकर श्रमिक स्पेशल पहुंची। तेज धूप व उमस के बीच पहुंचे रेल यात्रियों को जांच-पड़ताल के बाद बसों से घर भेजा गया। तेज धूप व गर्मी होने के चलते परदेश से आने वाले लोगों ही नहीं, बल्कि रेलवे स्टेशन पर तैनात अधिकारी-कर्मचारी व सुरक्षाकर्मी परेशान रहे।