अब कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को कोविड-19 के अस्पतालों में ज्यादा दिन तक नहीं रखा जाएगा। कम लक्षण वाले और तीव्र लक्षण वाले कोरोना वायरस संक्रमितों को रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अधिकतम 12 दिन तक कोविड अस्पताल में और सात घर में आइसोलेशन में रहना होगा।
केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइड लाइन के तहत प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के मरीजों को कोविड अस्पताल से डिस्चार्ज करने के लिए नई डिस्चार्ज पॉलिसी बनाई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. रजनीश दुबे ने ये दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
प्रारंभिक लक्षण वाले या हलके लक्षण वाले मरीजों का पहला सैंपल, जिसमें मरीज कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, उसे 12 दिन तक कोविड-19 के आइसोलेशन बेडपर रखा जाएगा। यह वे मरीज हैं जिनको हलकी खांसी, बुखार, गले में दर्द अथवा गले में खराश जैसे कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए हों। इनकी जांच पॉजिटिव पाए जाने के बाद 12वें दिन इनकी नमूनें की फिर जांच की जाएगी। इसके बाद मरीज की टेस्टिंग रिपोर्ट अगर नेगेटिव आती है तो मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। ऐसे मरीज को 7 दिन होम आइसोलेशन के कड़े नियमों का सख्ती से पालन करना होगा ।
12 दिन तक जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सशर्त डिस्चार्ज
इसके बाद मध्यम तीव्रता के लक्षण वालों और गंभीर रोगों के लिए भी डिस्चार्ज के नियम बनाए गए हैं। इन रोगियों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। यह मरीज खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी पसली चलना या तेजी से सांस ले रहे मरीज होते हैं। इन गंभीर मरीजों को यदि ऑक्सीजन की आवश्यक्ता है तो उन्हें ऑक्सीजन दी जाए। इसके बाद भी इनकी ऑक्सीजन स्थिर न हो पा रही हो तो इनके बेड पर वेंटीलेटर लगाया जा सकता है। ऐसे मरीजों के तापमान और ऑक्सीजन की स्थिरता की स्थिति पर लगातार नजर रखी जाए।