इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कैंसर पीड़ित को अपनी कार से डॉक्टर को दिखाने व अस्पताल जाने के लिए आगरा जिला प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद उसकी याचिका निस्तारित कर दी है। साथ ही राज्य सरकार से उम्मीद जताई है कि जानलेवा बीमारी से ग्रस्त रोगी को अपने वाहन से डॉक्टर से मिलने या अस्पताल जाने में कोई परेशानी नहीं होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति भारती सप्रू एवं न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने आगरा निवासी सुरेन्द्र सिंह जैन के मामले में दिया है। सरकारी अधिवक्ता बीपी सिंह कछवाह ने याची के संबंध में डीएम व एसएसपी आगरा की ओर से भेजी गई जानकारी ई-मेल से कोर्ट मे पेश की। जिला प्रशासन की ओर से बताया गया है कि याची को अपनी कार से डॉक्टर से मिलने की अनुमति दे दी गई है। उसे स्वास्थ्य सेवा पास जारी कर दिया गया है।
कोर्ट ने कैंसर मरीज की याचिका पर राज्य सरकार से पूछा था कि ऐसी क्या व्यवस्था की जा सकती है जिससे याची अपने डॉक्टर से मिल सके। याची ने निजी वाहन से डॉक्टर से मिलने व अस्पताल जाने की अनुमति न मिलने पर हाईकोर्ट की शरण ली थी। उंसका कहना था कि वह कैंसर से पीड़ित है, जो थर्ड स्टेज पर है। किसी भी समय उसे अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़ती है। कोरोना इफेक्ट के कारण इस समय एम्बुलेंस कोरोना मरीजों को लाने-ले जाने में व्यस्त हैं। बुलाने पर काफी देर से आती हैं।