बक्सर : टेलीविजन पर एक कंपनी के प्रचार में महानायक अमिताभ बच्चन मेंथा तेल के विज्ञापन में कहते हैं टेंसन जाओगे भूल, जब लगाओगे ठंडा-ठंडा कूल-कूल। जिले में इटाढ़ी, नावानगर, चौंगाई और केसठ प्रखंड में मेंथा की खेती करने वालों के लिए महानायक की बात सत्य साबित होने वाली है। कोरोना और मौसम के कहर से जहां अन्य फसलें तबाह हो रही हैं, वहीं पिपरामेंट की इस बार अच्छी पैदावार हुई है। ऐसे में प्रति बीघा 12 हजार रुपये खर्च कर मेंथा की खेती करने वाले किसान इसका तेल बेच 64 हजार रुपये तक हासिल करने की उम्मीद लगा रहे हैं।
जिले में लगभग 12 हजार एकड़ भूमि पर पिछले कुछ वर्षों से मेंथा की खेती हो रही है। इसमें लागत के अनुरूप किसानों को अधिक बचत होती है। किसानों के मुताबिक फरवरी महीने में मेंथा की रोपनी खेतों में कर दी गई थी। इसकी खेती में पानी ज्यादा लगता है। संयोग है कि इस बार हर कुछ दिनों के अंतराल पर बारिश हो रही है और खेत में नमी बनी हुई है। जिससे इस वर्ष बेहतर उत्पादन होने का अनुमान लगाया जा रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ डॉ.देवकरण के मुताबिक मेंथा की खेती में अप्रैल से जून महीना तक प्रत्येक सप्ताह पटवन करना जरूरी होता है। वहीं, खेतों में उगे खर-पतवार नाशक रसायन का उपयोग जरूरी है। बसांव खुर्द के किसान संतोष कुमार ओझा ने बताया कि मेंथा की खेती में मेहनत अधिक है।