लॉकडाउन में बाजार क्षेत्र के दुकानें सरकारी दिशा निर्देश से नहीं बल्कि व्यापारियों की मनमर्जी से खुलती और बंद होती है। इतना ही नहीं कई दुकानदार बाहर से दुकान बंद कर के अंदर से सभी प्रकार के समान खुलेआम बेच रहे हैं। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा, स्टेशनरी, जूता-चप्पल से लेकर बाजार क्षेत्र के सभी दुकान सुबह पांच बजे से 09 बजे सुबह तक खुली रहती है। जहां दुकानदार ग्राहकों से मनमाना कीमत वसूलते हैं।
ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी पुलिस और प्रसासनिक अधिकारियों को नहीं है। पुलिस द्वारा ऐसे दुकानदारों पर कार्रवाई भी की जाती है। लेकिन ऐसे भी दुकानदार हैं, जिसकी पहुंच ऊपर तक है। ऐसे दुकानदार राजनीतिक दल के नेता भी हैं। ऐसी स्थिति में पुलिस दुकानदार पर कार्रवाई करने से परहेज करती है। जरूरी और आवश्यक सेवा की दुकानों के अलावा गैर आवश्यक समान के अधिकांश दुकानदार भी अपने दुकान के आगे खड़े अथवा बैठे रहते हैं और ग्राहक के आते ही अंदर ले जाकर समान उपलब्ध कराते रहते हैं। वैसे यह खेल पहले लॉक डाउन से बदस्तूर जारी है। धीरे-धीरे इसमें बढ़ोतरी हो रही है। इसके विपरीत सुबह 9 बजे से पहले बिना किसी भय के समान की बिक्री खुलेआम हो रही है।
लॉकडाउन में मनमानी कीमत पर होती है बिक्री : लॉक डाउन में प्रशासनिक अमले की रहस्यमयी चुप्पी से समान खरीदने वाले ग्राहकों को मनमाना कीमत अदा करना पड़ रहा है। ग्राहकों की भी मजबूरी यह है कि अगर वे कीमत पर मोल भाव करेंगे तो दुकानदार सीधे समान देने से मना करते हुए दुकान बंद रहने की बात सुना देते हैं। यही कारण है कि एकाएक सभी समानो के कीमत में भारी उछाल देखा जा रहा है।
सुबह-सुबह बाजार में खरीदारी के लिए ग्राहकों का जनसैलाब उमड़ पड़ता हैं। साथ ही ठेला, रिक्शा, दो पहिया, चार पहिया वाहनों की भारी भीड़ देखने को मिलती हैं। ऐसे दुकानदार सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाते हुए बेखौफ दुकानदारी करते देखे जाते हैं। तड़के से दुकान खोल समान बेचने के चक्कर मे दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ बढ़ जाती है। इस समय लोग मास्क लगाना भूल जाते हैं। पहले प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी नियमित गश्त लगाते थे। लेकिन अब सुस्त पड़ गए हैं। इस बाबत एसडीपीओ गणपति ठाकुर ने कहा कि नियम का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।