राशन कार्डधारियों की त्रुटिपूर्ण डीबीटी डाटा ठीक करने के लिए प्रखंड क्षेत्र में शनिवार से कर्मचारी और डीलरों ने युद्धस्तर पर काम जारी कर दिया है। डीबीटी डाटा ठीक करने के बाबत उपभोक्ताओं का अभिलेख जमा करते बरियारपुर पूर्वी के डीलर विवेक कुमार उर्फ मंतोष, न्याय सचिव रूपेश कुमार और वार्ड सदस्य प्रतिनिधि राजन कुमार ने बताया कि उनलोगों को डीबीटी डाटा ठीक करने के लिए प्रखंड से दो तरह का प्रपत्र उपलब्ध करवाया गया है। जिसमें त्रुटिपूर्ण डीबीटी डाटा अपडेट करने के लिए त्रुटिपूर्ण डीबीटी डाटा सूची और आरसी वन प्रपत्र शामिल है।
जिसके तहत राशन कार्ड उपभोक्ताओं से उसके साक्ष्य का महत्वपूर्ण अभिलेख जमा करना है।उन्होंने बताया कि त्रुटिपूर्ण डीबीटी सूचि की बावत लाभुकों के आईएफएससी कोड के साथ बैंक का खाता नम्बर और उसका मोबाइल नंबर लेना है।जबकि आरसी वन प्रपत्र के लिए आधार कार्ड, आईएफएससी कोड के साथ बैंक का खाता नम्बर और उसका मोबाइल नंबर जमा करना है। बताते चले कि प्रखंड मुख्यालय के पुस्तकालय भवन में शुक्रवार को त्रुटिपूर्ण डीबीटी डाटा ठीक करने के लिए मंझौल एसडीएम दुर्गेश कुमार की अध्यक्षता में डीलर व कर्मचारियों की बैठक हुई।
जिस बैठक में एसडीएम के द्वारा बताया गया कि कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन में फंसे राशन कार्डधारियों की सहायता के लिए सरकार ने एक हजार रुपया प्रति कार्डधारी देने का फैसला लिया है। डीबीटी डाटा त्रुटिपूर्ण होने की वजह से लाभुकों के खाते में राशि हस्तांतरण नही हो पा रही है, जिसको लेकर एसडीएम द्वारा आदेश दिया गया कि वे लोग अपने क्षेत्राधीन राशन कार्डधारियों का महत्वपूर्ण अभिलेख डीबीटी डाटा सूचि से अविलम्ब लिंक करवाने का काम करें। ताकि इस आपातकाल से जूझ रहे राशन कार्डधारियों को सरकार द्वारा घोषित सहायता राशि उपलब्ध करवाया जा सके।
डीलर व कर्मचारियों को यह भी जानकारी दिया गया कि ऐसा करने से पारिवारिक राशन कार्ड नाम से वंचित उस परिवार के लोगो को भी राशन मिल सकता है।साथ ही बैठक में उनलोगों को यह भी जानकारियां दी गयी कि जीविका द्वारा उपलब्ध कराए गए लाभुकों के आवेदन का युद्ध स्तर पर जांच चल रहा है।जांचोपरांत सभी वैध लोगो को राशन कार्ड जल्द ही उपलब्ध करवा दिया जायगा।