जिले के विभिन्न स्थानों पर बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर पर दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर डीएम नवदीप शुक्ला ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। सुविधाओं के संबंध में सभी संबंधित पदाधिकारियों एवं क्वारेंटाइन सेंटर के प्रभारी पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देश के आलोक में दी जा रही डिग्निटी किट एवं अन्य सामग्री समय-समय पर आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराएं।
इस कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही अथवा गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर इसे अत्यंत गंभीरता से लेते हुए संबंधित पदाधिकारी व कर्मी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई। कई क्वारेंटाइन सेंटर पर बरती जा रही असुविधाओं की खबर दैनिक भास्कर में दो दिन तक प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद डीएम नवदीप शुक्ला ने खुद मामले को संज्ञान में लिया।
गाइडलाइन का करें पालन : नवदीप
ग्वालपाड़ा के एमएमवी कॉलेज में चावल, दाल और आलू का चोखा प्लास्टिक के थैला में रखने और थर्मोकोल के पत्तल में लोगों को खाना देने की बात सामने आई थी। ताे चौसा के बाबा विशु राउत कॉलेज में भी थर्मोकोल के पत्तल और प्लास्टिक वाले ग्लास में पानी देने का मामला प्रकाश में आया। इन सब मामलों की जानकारी होने के बाद गुरुवार को डीएम ने खुद जिला मुख्यालय में क्वारेंटाइन सेंटर पर पहुंचकर वहां की सुविधाओं और खाने की गुणवत्ता का औचक निरीक्षण किया। यहां की व्यवस्था से वे संतुष्ट दिखे। कहा कि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार खाना उपलब्ध कराएं। दूसरी ओर, ग्वालपाड़ा, उदाकिशुनगंज और चौसा के सेंटरों पर भी सुविधाओं की गुणवत्ता में बढ़ोतरी किए जाने की जानकारी दी गई।
वाहन कोषांग का भी किया निरीक्षण, निर्देश
डीएम ने एसपी संजय कुमार समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ जिले में विभिन्न राज्यों व जिलों से आने वाले व्यक्तियों के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा भी की। बीएन मंडल स्टेडियम में कार्यरत वाहन कोषांग का निरीक्षण कर उन्होंने नोडल पदाधिकारी, मोटरयान निरीक्षक एवं अन्य पदाधिकारियों से की गई तैयारियों के संबंध में जानकारी प्राप्त कर आवश्यक निर्देश दिया। विदित हो कि बीएन मंडल स्टेडियम में वाहन कोषांग कार्यरत है, जिसमें बाहर से आने वाले व्यक्तियों को मधेपुरा जिला में लाने और यहां से संबंधित प्रखंडों में भेजने की व्यवस्था की जाती है।
क्वारेंटाइन सेंटर पर की जाने वाली व्यवस्था
1 पंजीकृत व्यक्तियों को खाने के लिए 1-1 स्टील की थाली-कटोरी व गिलास, वापस जाते समय ये इसे अपने साथ ले जाएंगे।
2 पुरुषों को एक लुंगी, धोती, गंजी एवं गमछा, महिलाओं को एक साड़ी, साया एवं ब्लाउज, बच्चों को एक शर्ट-पैंट व बच्चियों को एक-एक फ्राॅक-पैंट। महिलाओं को सेनिटरी नैपकिन भी देना है।
3 नहाने व कपड़ा धोने के लिए एक-एक साबुन, शैंपू पाउच, केश तेल, कंघी, छोटा ऐनक, टूथपेस्ट एवं टूथब्रश। पका हुआ भोजन दोपहर एवं शाम को। सुबह का नाश्ता भी। भोजन बनाने में ली जा सकता है महिलाओं एवं पुरुषों की सेवा। बदले में मिलेगा पारिश्रमिक। 4 पका हुआ भोजन स्वच्छ एवं पौष्टिक होना चाहिए। राहत केंद्रों में पूरी तथा तले हुए खाद्य पदार्थों की आपूर्ति नहीं की जाएगी।
5 6 वर्ष तक के बच्चों सहित सभी व्यस्क को सुबह-शाम दूध देना है। इसके लिए सुधा मिल्क पाउडर की आपूर्ति की जाएगी। - पेयजल एवं आवश्यकतानुसार अस्थायी शौचालय की व्यवस्था सहित अन्य है।