पंजाब और राजस्थान से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से रविवार को लगभग तीन हजार यात्री यहां लाए गए। उधर शनिवार की शाम छह बजे से रविवार की सुबह छह बजे तक रोडवेज पर विभिन्न राज्यों और जनपदों से 1369 प्रवासी लाए गए। इसमें महाराष्ट्र से 277, गुजरात से 627, पंजाब से 126, हरियाणा से 128, दिल्ली से 74, राजस्थान से 03, तमिलनाडु से 30, तेलंगाना से 14, आंध्र प्रदेश से 01, केरल से 18, पश्चिम बंगाल से 06, चंडीगढ़ से 01, अलीगढ़ से 23, गाजियाबाद से 28, बिजनौर से 03, लखनऊ से 05 व बुलंदशहर से 05 प्रवासी शामिल थे। दोनों स्थानों पर लंच पैकेट एवं मेडिकल परीक्षण के बाद सभी को संबंधित तहसील मुख्यालयों के शेल्टर होम भेजा गया। इस दौरान परीक्षण के लिए घंटों लाइन लगानी पड़ी लेकिन कहीं भी छाया की व्यवस्था न होने से सभी पसीने से तर-ब-तर हो रहे थे।
हे सिपाही जी, बच्चन अउर औरतन के आगे कइ दा
आजमगढ़ : हे सिपाही जी लोगन इहां आवा, देखा जेतना गर्भवती औरतन हईं उनके आगे करके जल्दी से जांच करा दा। छोट बच्चन के भी आगे कइ दा। इनहन लोगन के लिए ई धूप नुकसान कइ सकेला। यह बातें जीआरपी प्रभारी गणनाथ ने सिपाहियों से कही तो लोग उनकी ओर देखने लगे। दरअसल लाइन में छोटे बच्चों और महिलाओं की परेशानी इंस्पेक्टर से देखी नहीं गई तो सिपाहियों को यह सलाह दी।