सड़क पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया है। बाजार और दुकानें खुल गई हैं। लोग खरीदारी करने के लिए निकल रहे हैं। कर्मचारी भी दफ्तर आने-जाने लगे हैं। शहर में दिखने वाला यह बदलाव अब एहसास कराने लगा है कि धीरे-धीरे सब कुछ पहले जैसा होने लगा है। यह सब लॉकडाउन 4.0 में दी गई छूट के चलते हो रहा है। वहीं लोग इस ढील में पांव फैला रही कोरोना महामारी को लेकर बेफिक्र भी होने लगे हैं। वह भूल जा रहे हैं छूट लॉकडाउन में है, कोरोना से नहीं।
नियम का पालन उतनी गंभीरता से नहीं हो रहा
चौथे चरण के लॉकडाउन की कुछ पाबंदियों में ढील दी गई है। साथ ही दुकानदारों से लेकर हर उस शख्स को कोरोना वायरस से बचाव के लिए कहा गया है, जो घर से बाहर निकलते हैं। हालांकि हर कोई नियम का पालन उतनी गंभीरता से नहीं कर रहा है। बाजार में कई ऐसे बाइक सवार नजर आ रहे जो हेलमेट तो छोडि़ए, मास्क भी नहीं लगा रखे हैं। खुल्दाबाद स्थित आवश्यक वस्तुओं की तमाम दुकानों के बाहर जमीन पर चूने और टायर रखकर बनाए गए घेरे को छोड़ लोग सीधे काउंटर से सटकर खड़े होकर सामान खरीदने लगते हैं। दुकानदार के टोकने पर शारीरिक दूरी बनाई और मुंह पर गमछा लपेट लिया।
पुलिस सख्त फिर भी लापरवाही
यह तो महज उदाहरण है, ऐसे और भी लोग हैं जो फिजिकल डिस्टेंसिंग, स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों की अनदेखी करते हुए जान को खतरे में डाल रहे हैं। आलम यह है कि पुलिस की सख्ती के बावजूद लोग नियम का पूरी तरह से पालन नहीं कर रहे हैं।