कोरोना के भय और कामधंधा बंद होने से अपने घर लौट रहे प्रवासी श्रमिकों में से कई को यात्रा में जान गंवानी पड़ रही है। श्रमिक स्पेशल में 24 घंटे में नौ लोगों की मौत होने की बात सामने आई है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी तथा बलिया में पिछले 24 घंटे के दौरान श्रमिक स्पेशल में यात्रा कर रहे चार प्रवासियों की मौत हो गई। वहीं, बिहार में भी स्पेशल ट्रेन में अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है। झारखंड में भी एक प्रवासी श्रमिक की ट्रेन यात्रा के दौरान मौत हुई है। मृतकों के परिजनों ने इसके लिए अव्यवस्थाओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की लेटलतीफी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बुधवार को सीवान से समस्तीपुर आने में ही एक स्पेशल ट्रेन को 16 घंटे लग गए। जबकि यह रास्ता 4-5 घंटे का है।
एक ही ट्रेन में दो लोगों की अलग-अलग बोगियों में मौत
मंडुआडीह स्टेशन पर बुधवार को मुंबई से चलकर पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 2 लोगों के अलग-अलग बोगियों मृत मिलने से हड़कंप मच गया। मिली जानकारी के अनुसार ट्रेन नंबर 01770 बुधवार की सुबह लगभग 8 बजे मंडुवाडीह स्टेशन पहुंची। इसी दौरान एक मृत व्यक्ति के परिजन रोने लगे। मृत व्यक्ति के शरीर को छूने को कोई भी व्यक्ति तैयार नही था। उसकी शिनाख्त दशरथ प्रजापति 30 वर्ष दिव्यांग के रूप में हुई है। इसी ट्रेन में पीछे की बोगी में एक और व्यक्ति का शव मिला जिसके मुंह से झाग निकल रहा था और नाक से खून निकला था। मृत व्यक्ति के शरीर पर क्रीम कलर का हाफ पैंट, चेकदार शर्ट व बगल में मोबाइल रखी हुई थी।