चौसा पूर्वी पंचायत के एक व्यक्ति जो किशनगंज रेलवे में काम करते हैं, उसके कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद यहां लोगों में हड़कंप है। चौसा प्रशासन की पहल पर शुक्रवार की दोपहर करीब दो बजे स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की टीम ने गांव पहुंचकर रेलवे कर्मी के परिवार सहित 15 लोगों को क्वारेंटाइन कर दिया।
फिलहाल उक्त गांव जाने वाले मुख्य रास्ते पर जगह-जगह ग्रामीण पुलिस को तैनात कर दिया गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने गांव के वार्ड सदस्य सहित 15 लोगों को चौसा पूर्वी पंचायत सरकार भवन में क्वारेंटाइन के लिए भर्ती कराया है। पीएचसी पदाधिकारी डॉक्टर अमित कुमार सिंह ने बताया कि क्वारेंटाइन किए गए लोगों में कोरोना संक्रमित रेलकर्मी के परिवार के दो अन्य भाई, वहां का वार्ड सदस्य सहित 15 लोग शामिल हैं।
दो दिन बाद जिले से मेडिकल टीम पहुंचकर सभी 15 लोगों का कोवेडि-19 के लिए सैंपल लेगी। दूसरी ओर, महाराष्ट्र से आए चौसा के 55 प्रवासी मजदूरों को चौसा पीएससी में स्वास्थ्य परीक्षण कर क्वारेंटाइन
किया गया।
परिवार से संबंध रखने वालों के भी स्वास्थ्य की जांच की जा रही है
बताया गया कि उक्त रेलकर्मी किशनगंज से ड्यूटी कर छुट्टी बिताने 15 मार्च को अपने घर आए थे। इसके बाद लॉकडाउन हो जाने पर यहीं रह गए। परिजनों के अनुसार इस बीच एक मई को वे भागलपुर जिले के कहलगांव के आमापुर में अपनी बहन के यहां गए थे। जबकि दो मई को दूसरी बहन के यहां कहलगांव के मजदाहा धमोरा गांव गए थे। उसके बाद वहां से ही उसी दिन वे अपने ससुराल झंडापुर चले गए। इसके साथ ही 3 मई को वहां से मधेपुरा जिले के चौसा थाना क्षेत्र के चौसा पूर्वी पंचायत के अपने घर आ गए। यहां से 4 मई को वे किशनगंज ड्यूटी ज्वाइन करने गए। जहां पर टेस्ट में उन्हें कोरोना संक्रमित पाया गया। मामले की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन द्वारा गांव को सील किया जा रहा है। परिवार से संबंध रखने वाले लोगों के भी स्वास्थ्य की जांच की जा रही है।