(मनोज कुमार)कोरोना से जंग जीतने के लिए हर कोई तैयार है। हर कोई अपने तरीके से काम कर रहा है। ऐसे में अब शिक्षक ने भी कमान संभाली है। दुर्गावती के अवर्हिया मिडिल स्कूल में कार्यरत शिक्षक वैश आलम अपनी पत्नी के साथ मास्क बनाने में जुट हुए हैं।उन्होंने ने बताया कि घर की महिलाओं के सहयोग से अपने घरों में मास्क बना रहे हैं ये मास्क कोरोना वॉरियर्स को दिए जा रहे हैं, जिनमें हॉकर, दूध वाले, सब्जी वाले के अलावा गरीबों को दिया जा रहा है।
मास्क बना रहे अध्यापक ने बताया कि बाजार में मिल रहे मास्क खराब हो जाते हैं, उन्हें नष्ट भी जलाकर करना पड़ता है। ऐसे में वे सूती कपड़े के मास्क बना रहे हैं, जिन्हें धोकर फिर से काम में लिया जा सकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि बाजार में मास्क मिल नहीं रहे हैं, कहीं मिल भी रहे हैं तो महंगे हैं, ऐसे में इस संकट की घड़ी में उन्होंने कोरोना वॉरियर्स के लिए मास्क बनाने की ठाना है।
अपनी तरफ से जरूरतमंदों की मदद में जुटे हैं शिक्षक
जिसमें उनका पूरा परिवार भी सहयोग कर रहा। दरअसल कोरोना संकट के समय तमाम लोग अपनी तरफ से जरूरतमंदों की मदद में जुटे हैं। शिक्षक उप्रेती अपने घर में स्वयं मास्क तैयार कर रहे हैं। इन मास्कों का वितरण आम लोगों के साथ ही कोरोना वारियर्स में किया जा रहा है। कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिए लॉकडाउन किया गया है जरूरी कामों से घरों से बाहर निकलने वाले लोगों से मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंस का पालन करने को कहा जा रहा है इससे मास्क की मांग भी काफी बढ़ गई है, लेकिन कई गरीब और मजदूर तबके के ऐसे भी लोग हैं जिनके पास मास्क नहीं है जरूरतमंद लोगों में बांट रहे हैं। वैश आलम ने बताया कि काेरोना महामारी से बचाव के लिए संपन्न लोगों को गरीब व असहाय लोगों की सहायता करने की जरूरत है। तभी इस बीमारी पर जीत हासिल की जा सकती है।