किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर जिले के कई स्थानों पर किसानों ने उपवास कर धरना दिया। इस दौरान लॉक डाउन के सभी नियमों को ध्यान रखते हुए सोशल डिस्टेंस का पालन कर अपने-अपने घरों पर हीं रह कर किसानों ने उपवास कर धरना दिया हैं। इस अवसर पर किसान महासभा के राज्य पार्षद कमलेश कुमार मानव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि किसानों को अनाजों के उत्पादन के लागत का डेढ़ गुणा मूल्य देने का सरकार ने वादा किया था।
लेकिन 6 वर्षों में अभी तक नहीं दे सकी हैं। बल्कि अनाजों का न्युनतम समर्थन मूल्य मिल रहा है। इसको लेकर किसानों ने ग्राम स्तर पर क्रय केंद्र खोलने की मांग किया। साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी पर विजय पाने के लिए नफरत नहीं बल्कि भाईचारा को मजबूत किया जाना चाहिए। जिला स्तर पर कोरोना की निःशुल्क जाँच व इलाज, आईसीयू वार्ड व वेंटिलेटर का प्रबंध करने, लाकडाउन में भूख व पुलिस दमन से हुई मौतों पर 20 लाख रुपए मुआवजा देने एवं बारिश, ओलावृष्टि व आगजनी से बर्बाद फसलों का 25 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा देने, जनविरोधी बिजली सुधार कानून 2003 पर रोक लगाने व बिजली के निजीकरण की वर्तमान मुहिम बंद करने को लेकर सरकार से मांग किया जा रहा हैं।
इस अवसर पर किसान नेता शिवनन्दन यादव, कमलेश प्रसाद, राजेश कुमार राय, विजय कुमार विजय, रामकृपाल सिंह, राजेन्द्र पासवान, विश्वनाथ प्रसाद, कृष्णनन्दन चौहान, सूबेलाल सूबे, अनीता देवी, गरीबन मांझी, मरूअन रविदास सहित अन्य किसानों जिले के विभिन्न गाँवो में उपवास कर धरना दिया।