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प्रकृति में नजर आने लगा बदलाव, प्रदूषण नहीं होने से स्वच्छ दिख रही हैं सड़कें और पेड़ व पौधे


कोरोनावायरस जैसे विश्वव्यापी महामारी से बचाव को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन पिछले 36 दिनों से लागू है। दरअसल कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 मार्च को समूचे देश में लॉकडाउन का निर्णय किया। मध्य रात्रि को 12 बजे से लॉकडाउन की घोषणा ने एक झटके में ही शहर से गांव तक का नजारा ही बदल दिया। शहर-बाजार विरान हो गए, सड़कों पर सन्नाटा पसर गया और जिंदगी पूरी तरह थम सी गयी।
इस दौरान जिले के वातावरण में तो काफ़ी सुधर गई है, सभी प्रकार के प्रदूषण काफी मात्रा में कम हो गईं हैं। लेकिन जिंदगी भी बदल गई है। लॉक डाउन से पहले सड़कों पर काफी शोरगुल सुनने को मिल रहा था, वाहनों के हार्न व बाजारों जाम की समस्या से परेशान रहते रहे थे, लेकिन इस लॉक डाउन में बस स्टैंड पर अब बसों की हार्न सुनायी नहीं पड़ रही तो ट्रेनों की आवाजाही से हमेशा व्यस्त रहने वाला रेलवे स्टेशन वीरान पड़ा रह रहा है।

बैंको के कारोबार में 75 प्रतिशत की हुयी कमी
लॉकडाउन ने बैंक के कारोबार को भी पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। अधिकांश दुकानें बंद होने के कारण बैंकों में राशि की जमा व निकासी में 75 प्रतिशत की कमी आयी हैं। बैंकों में सिर्फ दवा, राशन व अन्य जरुरी सामान की दुकानदारों द्वारा मात्रा 25 प्रतिशत ही कारोबार हो रहा हैं। अग्रणी बैंक के प्रबंधक सुभाष कुमार भगत ने बताया कि लॉकडाउन से पहले सामान्य दिनों में जिले भर में बैंकों का कारोबार 10 करोड़ रुपये तक का होता था। इस समय यह घटकर 3 से 2 करोड़ तक रह गया है। चूंकि बाजार, प्रतिष्ठान, औद्योगिक संस्थान आदि बंद हैं, लिहाजा बैंकों में जमा-निकासी काफी कम हो गयी है।
लॉकडाउन में वाहन नहीं चलने के कारण अस्पताल में मरीज की संख्या हुई कम
लॉकडाउन के पूर्व जिस सदर अस्पताल की ओपीडी, इमरजेंसी में मरीजों व उनके परिजनों की भीड़ होती थी, वही लॉकडाउन में काफी दिनों के बाद चालू हुए ओपीडी के बाद अस्पताल का नजारा बदला सा गया हैं। इमरजेंसी के गेट पर सिर्फ एक एम्बुलेंस खड़ी रह रही है। इस दौरान न मरीजों की चीख-पुकार थी और न ही परिजनों की भीड़। वाहनों की संख्या भी पहले जैसा नहीं दिख रहा था। सदर अस्पताल के अस्पताल प्रबंधक धीरज कुमार ने बताया कि सामान्य दिनों में ओपीडी में सैकड़ो मरीज प्रतिदिन आते थे।


लॉकडाउन के कारण साफ हो गया हरोहर नदी का पानी
लॉकडाउन होने के कारण प्रूदषण रहित वातावरण के साथ-साथ हरोहर नदी का पानी भी काफी साफ हो गया है। नदी में अठखेलियां कर रहे जलीय जीव स्वच्छ जल में दिख रहे हैं। जबकि पहल इस नदी में पानी में भी प्रदूषण कम हो गया है। शहर और गांव क्षेत्र में चल रहे छोटी-बड़ी उद्योग के बंद होने के कारण उसका कचरा नदी में नहीं आ रहा है। जिसके कारण जल साफ दिखाई दे रहा है। घाटकुसुंभा के ग्रामीणों ने बताया है कि इन दिनों लॉकडाउन होने के बाद नदी का पानी साफ दिख रहा है।


जिले भर में पेट्रोल व डीजल की बिक्री में आई 80 % की गिरावट
पूरे जिले में पेट्रोलियम विभाग के तीनों कंपनियों का करीब 28 पंप कार्यरत है। इन सभी पेट्रोलपंपों पर लॉकडाउन के दौरान 80 प्रतिशत पेट्रोल और डीजल के बिक्री में कमी आई है। इस बाबत शहर के जखराज स्थान स्थित श्यामा एचपी पेट्रोल पम्प के संचालक संजय कुमार ने बताया कि पूरे जिले में करीब 28 पेट्रोल पंप है। पहले इनके पेट्रोल पम्प पर प्रतिदिन 15 केएल डीजल बिक्री होती थी और अब मात्रा 02 केएल ही बिक्री हो रही है। लॉकडाउन से डीजल व पेट्रोल बिक्री में गिरावट हुई है।

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