Indian Railway: सुपरफास्ट ट्रेनों की तरह अब मालगाड़ी भी बेहतर एक्सलरेशन पॉवर के साथ दौड़ेगी। कम दूरी में ज्यादा स्पीड पकड़ने के साथ डेढ़ गुना ज्यादा वैगनों के साथ मालगाड़ी से माल ढुलाई करने वाले देश के सबसे शक्तिशाली इंजन ने अपने ट्रायल की परीक्षा पास कर ली है। आरडीएसओ ने नौ हजार हॉर्सपावर वाले इंजन के ट्रायल के बाद पहली बार डिजिटल साइन स्पीड सर्टिफिकेट दे दिया है। चितरंजन वर्कशॉप ने भी 100 किमी प्रति घंटे की गति से इंजन का सफल स्पीड ट्रायल किया है।
भारत में मालगाड़ी को खींचने वाले जी श्रेणी का सबसे दमदार इंजन डब्ल्यूएपी-सात की वहन क्षमता छह हजार हॉर्सपावर थी। लखनऊ स्थित अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) ने छह हजार हॉर्सपावर वाले इसी इंजन की क्षमता को डेढ़ गुना बढ़ाया है। आरडीएसओ ने चितरंजन लोको वर्कशॉप के एक इंजन को चुना और सिमंस कंपनी के साथ उसके टैक्सन कनवर्टर, ट्रांसफार्मर, ट्रैक्सन मोटर में बदलाव किया। इससे तेज गति से मालगाड़ी दौड़ाने के लिए इसका एक्सलरेशन और वहन क्षमता बढ़ गई।