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बढ़ा खतरा! दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों की चेन में आए 104 लोग


देव प्रखंड के एक गांव का रहने वाला कोरोना पॉजिटिव दिल्ली के नजदिक फरीदाबाद में नौकरी करता था। जो कोरोना का चेन लेकर औरंगाबाद पहुंचा। शहर से लेकर उसके गांव और आसपास के करीब 60 लोग उसके चेन में शामिल हो गए। सभी को अलग-अलग क्वॉरेंटाइन सेंटर में शिफ्ट किया गया है।
ओबरा का पॉजिटिव युवक चार दोस्त व मामा-मौसा को भी किया चेन में शामिल: ओबरा का कोरोना पॉजिटिव युवक जमुहार मेडिकल कॉलेज से चार दिन पहले जांच होने की भनक लगते ही चुपके ओबरा प्रखंड के अपने गांव में पहुंच गया था। यहां वह अपने परिवार, गोतिया, रिश्तेदार में मामा-मौसा समेत 44 लोगों को अपने चेन में शामिल किया। पुलिस को भी काफी छकाया। दाउदनगर एसडीओ कुमारी अनुपम सिंह के नेतृत्व में भारी मशक्कत के बाद ओबरा व दाउदनगर बीडीओ द्वारा उसे ट्रैक किया गया। इसके बाद दाउदनगर से उसे पकड़कर औरंगाबाद लाकर क्वॉरेंटाइन किया गया। उसके ट्रैवल हिस्ट्री में कुल 44 लोगों को उसके चेन में पाया गया है।
ओबरा के युवक कुछ यूं बढ़ाया कोरोना संदिग्धों का चेन, 44 लोगों को किया शामिल: जमुहार मेडिकल कॉलेज से घर आने में अपने मामा-मौसा का साथ लिया। परिवार के लोग भी उसमें शामिल हुए। इसके बाद चार दोस्तों को भी उसने अपने इलाज के नाम पर मदद ली। प्रशासन से तेज भाग रहा था। जमुहार मेडिकल कॉलेज में जैसे ही उसे संदिग्ध पाया गया कि प्रशासन के जांच सैम्पल लेने से पहले ही वह वहां से निकल गया। इसके बाद वह अपने गांव में पहुंचकर एक दिन रूका। दूसरे दिन फिर पुलिस की पकड़ में आने से पहले कुछ नजदिकियों व दोस्तों की मदद से दाउदनगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गया। वहां पर एक निजी लैब में जांच भी कराया।
एंबुलेंस से पहुंचा निजी अस्पताल, डॉक्टर, कंपाउंडर भी क्वारेंटाइन
ओबरा प्रखंड के खुदवां इलाके के एक गांव का रहने वाला युवक चुपके कोराेना को लेकर अपने गांव आया। उसे मालूम था पुलिस उसका पीछा कर रहा है। वह जरूर पकड़ा जाएगा। लिहाजा इसमें अपने रिश्तेदार, चार दोस्तों की मदद ली। दाउदनगर के एक निजी स्कूल जो उसके गांव का रहने वाला है। उसके एंबुलेंस का सहारा लिया। एंबुलेंस में चुपके बैठकर वह दाउदनगर पहुंचा और एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती हो गया। जहां उसे आराम से भर्ती ले लिया गया। इसके बाद प्राइवेट लैब में उसकी जांच करायी गयी। दाउदनगर प्रशासन ने उक्त युवक को उसी प्राइवेट अस्पताल से अपने कब्जे में लिया। डॉक्टर, उसके तीन स्टाफ व लैब टेक्निशियन को क्वॉरेंटाइन किया गया। निजी स्कूल के एंबुलेंस चालक को भी क्वारेंटाइन किया गया।
55 हजार ट्रक किराया देकर बनारस तक पहुंचा था देव का मरीज
प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो देव के एक गांव का रहने वाला कोरोना पॉजिटिव युवक दिल्ली के समीप फरीदाबाद इलाके में नौकरी करता था। लॉक डाउन में फंसने के बाद खाने-पीने की संकट हो गई थी। जिस फैक्ट्री में नौकरी करता था। उसमें यूपी व बिहार के कई लड़के शामिल थे। सभी लड़कों ने 55 हजार रुपए में एक ट्रक को किराया पर सेट किया और फिर उसी से वह बनारस तक पहुंचा। इसके बाद वह कई गाड़ियों का सहारा लेकर औरंगाबाद तक पहुंचा। इस दौरान कई लड़के इधर-उधर भी उतरे। लेकिन उसके साथ कितने लोग बिहार में इंटर किए या वह खुद अकेले आया। इसकी तहकीकात की जा रही है। लेकिन अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है। वह कई बार पूछताछ में बात को बदल दिया है।
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